सपनों की दुनिया

इंतज़ार करना हैं किए दिल बेक़रार,
दिल मेरा क्यों देखे झूठा सपना बार बार,
तेरा साथ मिले तो जी लूँ सपनों की दुनिया,
तेरा साथ ना मिले तो छोड़ दूँ दुनिया की हर खुशी,

सच और झूठ के बीच फँस कर रह गया मेरा ज़िंदगी,
सच जो मेरा दिल बोले तेरे अहसास के भरोसे,
झूठ ये समझे की तेरे दिल में हैं प्यार मेरे लिए,
इस उलझन में फँसा तनहाई में जी रहा मैं,

शायद ये ही हैं जीवन का सच्चाई,
प्यार कर तूँ भूल कर हर ग़म दिल  से,
ना मिले प्यार तो प्यार कर अपने ग़म से,
क्या पाना ही जीवन हैं, या खोकर प्यार करना ही कर्म हैं.

के.के

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