अहसास तेरा तेरे जैसा ख़ूबसूरत, सोच कर मैं ख़ुश हूँ,
ऐसे ही बरकरार रखो तुम अपने अहसास की ख़ूबसूरती,
क्या हुआ जो मेरे लिए ना अहसास थी तेरे दिल में,
मैं जी लूँगा लिए अपना अहसास जो तेरे यादों से भरा हो,
अहसास में जीता मेरा मन खोजता रहता तेरी ख़ुशी,
मेरी हर सुबह में तुम मेरी हर साँस में तुम ही तुम हो,
अपनी हर अहसास को दिल मे दबा बैठा हूँ मैं,
क्योंकि अहसास को ना जताने की क़सम खाई जो तुमसे,
जाने दो दुःख की बातें, रहो ख़ुश तुम अपनों के संग,
मैं अपनी ख़ुशी ढूँढ लूँगा अपने सपनों में खुद को जी लूँगा,
जीवन की कड़वी सच्चाई को दबा समझ मैं पी लूँगा,
कल किसने देखा हैं मैं आज के अहसास में जी लूँगा.
के.के