कुछ तो बात हैं….

कुछ तो बात है,
ये अजीब सी एहसास हैं,
दूर रहकर भी तुम मुझसे,
पाता हूँ तुम्हें यादों इतने क़रीब।

हरदम से तुम्हें पाने की है आस,
क्योकि सभी के लिए थी तुम ख़ास,
ना जाने तुम्हें जब भी मैंने देखा,
पाया मेरे होठों पे मधुरता बिखरते हुए।

कुछ तो बात है तुझमें,
आज भी याद है मुझे वो मधुर एहसास,
जब तुम थी सिर्फ़ मेरी,
मेरे होठों पे छोड़ी तुमने अपनी मधुरता भरा प्यार।

अरे लोगो,
मत ज़्यादा सोचो,
सब ने पाई है इसकी मिठास,
क्योकि ये नारंगी लेमन चूस है ही इतनी ख़ास।।

कुणाल कुमार

कुछ सवाल…

क्या मेरे पास आना,
आकर यूँ फिर चले जाना,
ये आपकी सोच थीं,
या थी कोई महबूरी इस समाज की?

क्यों मेरा प्यार,
नहीं समझ पाया अपने कभी,
क्या मेरे प्यार में थी कोई कमी,
या नहीं समझ पाया मैंने आपको कभी?

क्या आपने मुझसे कभी प्यार की?
या थी ये मेरे समझ की कमी,
सोचा था आप है मेरी,
पर आपको कहाँ है समझ प्यार की?

अब मेरे दिल के बंद झरोखे पे,
आप यूँ दस्तक ना दीजिए,
यादों में जीने के इस आदत को,
मिलन की झूठी आस ना दीजिए॥

यूँही आकर जाना अगर आपकी फ़िद्रत है,
तो कभी आप ना आना फिर मेरी किंदगी,
आपकी यादों में जीना सीख लिया हूँ,
पर आपके आकर जाने का ग़म ना सह पाऊँगा कभी।

कुणाल कुमार ….

अपनों के खोने का ग़म…

हृदय चीरती सन्नाटा,
खामोशी जैसे बोल रहे,
कल के पल तो वो पास थे,
आज ना जाने क्यों हमें छोड़ चले।

उनके कहे कुछ बोल,
आज भी गूंजती है कर्ण और मस्तिष्क,
मिले थे कुछ वर्षों पहले ही,
पर पास वो आ गए दिल के क़रीब।

मिलना और बिछरना,
है कैसा नियति का खेल,
दूर चले जाते है कुछ अपने,
छोर छाप अपनापन का दिल में।

कुणाल कुमार

कुछ बूँदे ……

वर्षा की कुछ बूँदे,
जैसे मिट्टी की प्यास बुझती है,
वैसे ही तुम्हारी याद,
मुझे जीने की राह दिखाती है।

कभी सोचा ना था,
प्यार करूँगा किसी से इतना,
सिर्फ़ उसकी याद दिल में संजोए,
आँखों से अश्रु कुछ बूँदे निकल पड़े।

शायद ये मेरे प्यार सच्चाई है,
जो हर घड़ी याद तुम्हारी ही आई है,
ना चाहते हुए भी मेरे दिल में,
बस तुम और मेरी तन्हाई है।

कुणाल कुमार

Love and You…

My Love for you,
Is like a life for me,
I will live this life,
Remembering you in my dream.

I know you are not mine,
Even though you want to be,
But you cannot break yourself free,
From pseudo societal thought even for me.

You talked about what people will talk,
If you accept your love for me,
But one day you will surely regret,
Why in your life you have no love left for me.

When all will move on,
You will feel lonely without me,
Even though you try to be happy,
But what a waste your life will be without me.

Kunal Kumar

चलो कुछ लिखते हैं …

अगर रिश्ते में ख़ैरियत ना पूछो,
तो रिश्ते बोझ बन जातें है दिल पे,
निभाते तो ज़रूर है हम इसे,
पर वो प्यार नहीं ला पाते दिल में।

हाँ मालूम है मुझे ये बात,
सक्षम हूँ मैं यही है तेरा अहसास,
शायद औरों को ज़्यादा ज़रूरत है तेरी,
पर तुम्हारे प्यार पर कुछ तो हक़ ज़रूर है मेरी,

यही ज़िंदगी है समझ लो तुम,
जो पीछे छूट जाए वो है कल,
आगे शायद कोई और मिले मुझे,
जो प्यार करे मुझे बिना कोई शर्त ॥

कुणाल कुमार

रिश्ते…

उनके क़रीब आने से,
क्यों अच्छा लगता है मुझे,
क्या ये मेरी अपनी सच्चाई हैं,
या उनके प्यार में इतनी गहराई हैं?

उनके कहे हर एक शब्द में,
उलझ कर रह जाता था मैं,
चाहे कड़वा ही क्यों ना बोले वो,
मुझे सिर्फ़ मिठास ही नज़र आता है उनमें।

जनता था मेरा ये दिल,
उनका प्यार पाना है मुश्किल,
पर मेरी मजबूरी कैसी हैं ये,
चाहत की आग क्यों जल रही है दिल में।

भूलना चाहता हूँ उनको,
शायद यही अच्छा है मेरे लिए,
क्योंकि हर किसी को प्यार नहीं मिलता,
चाहे कितनी भी सच्चाई हो उनके दिल में।

चलो एक बात तो अच्छा हुआ,
विश्वास टूटा मेरा प्यार से,
क्योंकि आज के मतलबी दुनिया में,
प्यार बिकता है अपनी सहूलियत के लिए।

शायद जब तक ज़रूरत थी,
याद करती थी वो मुझे,
अब कोई काम नहीं है मुझसे,
तो क्यों याद रखेंगी वो मुझे।

शायद इसे कहते है ज़िंदगी,
जहाँ रिश्ते जुड़े है सिर्फ़ मतलब से,
मतलब निकला तो रिश्ते टूटे,
कोई बताए ऐसे रिश्ते में हम प्यार क्यों ढूँढे।

कुणाल कुमार

रिश्ता…

वो कहते है अनूठा है हमारा रिश्ता,
निर्मल निश्चल निराला है ये रिश्ता,
पर पूछने पर क्यों टाल जाते है वो,
हम आपके है कौन ? क्यों नहीं बता पाते वो।

जिससे बात करना तुम्हें लगे अच्छा,
जो हर सुझाव दे तुम्हें सच्चा,
जिसके गले मिलने से तुम्हें मिले तसल्ली,
उसे प्यार कहते है…. समझी मेरी पगली।

पर शायद मुझमें अब प्यार नहीं,
सिर्फ़ कड़वाहट की अहसास हैं भरी,
सिर्फ़ धोखे के काँटे चुभे है मुझे,
अब सिर्फ़ कैक्टस के शूल बची इस दिल में।

भूल जाओ अब तुम मेरी अहसास,
नहीं सह सकता अपने दिल पे एक और वार,
ख़याल रखेंगे हम ज़रूर पर दूर रहकर,
पास ना आऊँगा अब मैं कभी।

कुणाल कुमार

कौन …

कौन हैं अपना,
कौन हैं पराया,
मेरा भोला दिल,
ये समझ ना पाया।

लगाई थी दिल उनसे,
प्यार था मुझे उनसे,
पर उनके दिल ने कभी अपनाया नहीं मुझे,
क्योंकि उनका प्यार था सिर्फ़ उनके अपनों के लिए।

अच्छा हुआ उन्हें भूल गया.
सारे रिश्ते मेरा पूछे छूट गया,
बस अब तो एक ही रिश्ता है मेरा,
मैं और मेरी लिखी आप बीती।

कुणाल कुमार

Love & Relationship…

I will seal my lips,
But Always feel you in me,
My happiness is for you,
And your all problem is for me.

This is a type of relationship,
Which I always dream to live,
Where you care for my feeling,
And My love you feel.

I do not know what you feel,
But I can feel your inner me,
You can deny my feeling,
But me in you will keep loving me.

Trust me one thing,
I have enough love for you and me,
My Life may go away one day,
But my love will stay with you … ever, forever..

Few more line I liked to pen…

I don’t know where I stand with you.
I don’t know what I mean to you.
But All I know is that every time I think of you, I feel happiness in inner me….

I may not mean anything to you,
This is will happen for sure,
But one day you will think,
Why you have not loved me deep…

Hello, do you know one thing,
My lips will always be sealed,
I may not confess anything,
But you will feel my feeling for yours..

Kunal Kumar

कुछ बातें…

दूरियाँ चाहे कितनी भी हो,
पर फ़ासले ना आने देना मन में,
रिश्ते की अहमियत को समझना ज़रूर,
चाहे थोड़ा और सहना पड़े तुम्हें।

कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें,
रिश्ते की टहनियों पे लटकी है,
तुम पतझड़ सा रूखा मत बनना,
की यादें दूर हो जाए रिश्ते से।

होते है कुछ ऐसे पल,
जब भूल जाते है हम अपनापन,
ज़रा उस पल को सम्भाल लेना,
और फ़ासले ना आने देना मन में।

कुणाल कुमार

मिलेंगे ज़रूर…

सोच के घोड़े को दे लगाम,
दिल के धड़कन को लिया था मैंने थाम,
याद आने पर बस यही ख़याल रखा है मैंने,
मिलेंगे ज़रूर पर फिर कभी।

समझ का ये फेर हैं,
उसके समझ में अभी थोड़ी देर हैं,
पर वो समझ पाए मुझे, यही ख़याल रखा है मैंने,
मिलेंगे ज़रूर पर फिर कभी।

इस ख़ुदगर्ज़ संसार में,
खुद के आगे कौन सोचता हैं?
शायद ये गलती मैंने की है,
खुद से ज़ायद तुम्हें तरजीह मैंने दी है।

मिलेंगे ज़रूर पर फिर कभी,
पर मैं ना रहूँगा वैसा जैसा था कभी,
देखते है जीतता कौन हैं,
तुम्हारी ज़िद्द या मेरे दिल की कही।

कुणाल कुमार