चलो कुछ लिखते हैं …

अगर रिश्ते में ख़ैरियत ना पूछो,
तो रिश्ते बोझ बन जातें है दिल पे,
निभाते तो ज़रूर है हम इसे,
पर वो प्यार नहीं ला पाते दिल में।

हाँ मालूम है मुझे ये बात,
सक्षम हूँ मैं यही है तेरा अहसास,
शायद औरों को ज़्यादा ज़रूरत है तेरी,
पर तुम्हारे प्यार पर कुछ तो हक़ ज़रूर है मेरी,

यही ज़िंदगी है समझ लो तुम,
जो पीछे छूट जाए वो है कल,
आगे शायद कोई और मिले मुझे,
जो प्यार करे मुझे बिना कोई शर्त ॥

कुणाल कुमार