नया साल मुबारक

नया साल हो आपको मुबारक, 
रहे ख़ुशियाँ साथ और ग़मों  से हो दूरी, 
आपकी हर इक्षा  हो पूरी, 
अपनों का साथ मिले ना बने किसीसे  दूरी,

नया साल लाए नयी उमंग, 
दिल में भर दे ख़ुशियों की तरंग,
आपकी हर हँसी और खिल जाए,
जैसे कली खिल फूल बन निखर उठे,

ना हो कोई ग़म, रहो तुम सदा अपनों के संग,
जीवन राह के हर पनस, फूल सा बन तेरे राह बिछ जाए,
हर कठिनाइयों रहे दूर,  सारे ग़म जाए तुम्हें भूल,
उज्ज्वलित हो जीवन तुम्हारा, अपनों का मिले सहारा,

नया साल हो मुबारक आपको, रहो ख़ुश सदा मुझे भूल,
मेरी दुआ है तेरे साथ, पर अब ना मिलेगा कभी मेरा साथ,
मेरी चुप्पी देगी मेरा साथ, अब ना रहा दिल में कोई आस,
मेरी ख़ुशी ने छोड़ा साथ, दिल से दु आपको नए साल की मुबारकबाद.

कुणाल कुमार 

समझ

तुम कौन हो, और तुम्हें क्या चाहिए,
अपनों का साथ, या पराए का प्यार,

पसंद करना है तुम्हें आज, दो ख़ुशी का साथ,
या काट लो अपनी ज़िंदगी अब खुद के बिना,

चाहेंगी तुम्हें सभी, ये दुआ है मेरे दिल की,
तुम जिसे चाहोगी, सारे सपनों हो उसकी पूरी,

ना करो तुम कोई विचार, मुझे पता है मेरा है क्या स्थान,
ना तेरे दिल में था कभी, ना ही बसा कभी तेरे प्यार में.

कुणाल कुमार 

इंतज़ार

साल बिता साथ छूटा, तेरा नया साल कर रहा इंतज़ार,
नयी ख़ुशियों का साथ मिले, है तोहफ़ा मेरा नए साल का,

मेरी वो ख़ुशी जो मिली इस साल, बन ग़म करे मेरा इंतज़ार,
नए साल का इंतज़ार, कर रहा हूँ तेरे याद के तोहफ़े के साथ,

यहाँ कौन सच्चा है, दिखता सच्चाई किसकी है निर्मल बेदाग़,
कौन हर घड़ी याद करे, कौन जी रहा है लिए दिल तेरा याद,

सच और झूठ की परख नहीं क्या, झूठ में क्यों जी रहे हो आप,
कहने को तो है बहुत कुछ, पर किससे करूँ अब दिल की बात.

कुणाल कुमार 

खिलौना

जैसे कोई बच्चा रूठा, जब  टूट जाए उसका खिलौना,
आँखों की आशु थम सा गया, पर दिल अभी भी रो रहा,

लगाव उसका खिलौना से, इक निर्मल प्यारा सा मन,
साथ छूटने का ग़म, दिल लिए रो रहा है उसका मन,

टूटे खिलौने अपने साथ रख, जी रहा वह इक झूठा सपना,
इक दिन खिलौने को समझ हो, बच्चे की प्यार उसके लिए,

बच्चे की जान मत लेना, मत तोड़ना उसका प्यार,
बन खिलौने वापस आ जा, वापस दे उसकी ख़ुशी.

कुणाल कुमार 

मोहब्बत

मोहब्बत  है इतना तुझसे, जितना सागर में है पानी,
जीवन की नैया पार कर लू, इस मोहब्बत के सहारे,

मेरी हर ख़ुशी तुझसे से है,  हर ग़म दूर है मुझसे,
तेरा साथ मिले मुझे, सह लू हर ग़म को  हंस  कर,

तू पास हो या दूर, अब ग़म नहीं है कोई मुझे,
तेरी याद ही काफ़ी है, हर दर्द हंस  सह लू मैं,

किसी को दे तू हर ख़ुशी, मुझे छोड़ दर्द के सहारे,
जो प्यार मैंने की तुझसे, क्या उसने की कभी तुझसे.

कुणाल कुमार 

तमस

जीवन की राह तमस भरी, जैसे सूरज को लगा ग्रहण, 
उज्ज्वल भविष्य डूब सा गया, अंधकार में ढल सा गया,

मेरी ख़ुशियों का उदय,कब होगी तेरे तेज की लालिमा लिए,
तेरे पास होने का एहसास लिए, भविष्य कब निखरेगा मेरा,

जीवन का अहसास, ग़म में जी रहा लिए ख़ुशी की आस,
आ जाओ ना तुम, बनकर मेरे जीवन की एक नई सवेरा,

तेरी दर्शन की आस लिए, अब जी रहा हूँ जीवन ये बेकार,
छोड़ नहीं सकता प्राण, क्योंकि वो भी मैंने तेरे नाम किया,

बस अब इतना बता तू मुझे, क्या तू कभी अपनाओगी मुझे,
ना अगर है तो बोल मुझे, छोड़ चलु मैं इस जीवन की माया.

कुणाल कुमार 

क्षमा

अपनी अहसास तुझे बताना, है क्या कोई गुनाह,
क्यों मैं क्षमा मांगु, जब किया नहीं है कोई  गुनाह,

तुमने कभी क्यों ना सोचा, मेरे दिल का हाल,
बेचैन सा जी रहा, दिल में बसा है सिर्फ़ तेरा ख़्याल,

क्षमा माँगता हूँ मैं, अगर दर्द दिया तुझे कभी,
खुद  को भूल, अब जी रहा सिर्फ़ होने को क़रीब,

पर समझ मेरी भी व्यथा, नहीं है ये कोई कथा,
मेरी हर ख़ुशी हो या ग़म, सिर्फ़  तेरे से हुई जुड़ी.

कुणाल कुमार 

मस्ती

क्या जीवन की मस्ती, है इतनी सस्ती,
हवा के इक झोके, इसे तोड़ कर जाए,

मायूस सा मैं, देख अकेला खड़ा हूँ यहाँ,
मस्ती तो दूर, मेरी ख़ुशी भी साथ ना निभाए,

जितनी तेरी दूरी, तेरा एहसास दे मेरा साथ,
देखो मेरी मस्ती, मजबूर है तनहा जीने को,

क्या ख़ुशी क्या ग़म, देख अब ना रूकेंगे हम, 
खामोशी भरे  जीवन में, लिखूँ इक नया इतिहास.

कुणाल कुमार 

नाराज़ दिल

नाराज़ दिल ढूँढे तुम्हें, सजा ख़्वाबों की जहां, 
कहने को बातें बहुत, दिल तोड़ने की दूँ सजा,

गलती सारी थी मेरी, जो मैंने खुद पे किया भरोसा, 
भरोसा तोड़ कर, मुझे छोड़ जाने की है तेरी ये अदा,

ख़ुदगर्ज़ सा होकर, खुद को क्यों अलग किया मुझसे,
क्या कभी सोचा, कितना दर्द मिला मुझे तेरे दूर  जाने से,

मेरा घड़ी की आज भी, वक्त का काँटा रुक सा गया,
हर घड़ी समय को देखूँ, नयन में लिए तेरी तस्वीर लिए,

आस मिलन की दिल में सजा, जीने की सजा मिली मुझे,
ना है कोई ख़ुशी ना कोई ग़म, ये है मेरा वीरान सा जीवन.

कुणाल कुमार 

मुलाक़ात

मेरी मुलाक़ात मेरे जीवन से,  इक एहसास लिए,
कली खिल फूल बन, मुरझा रही मेरी हर  चाहत,

शीश नमा कर ज़ोर, करूँ  प्राथना तुझसे,
धन्य रहु तेरा सदा, जो ये दर्द दिया मुझमें,

क्या  ख़ूब हो, क्या बढ़िया है तेरा तरीक़ा,
अब याद करूँ सदा, जब दर्द हो मेरा गहरा,

तेरे दर पर भगवान, सब खोजे अपनी ख़ुशी,
मैं खोजूँ अपना ग़म, ताकि मेरे याद में रहो तुम,

ये है मेरी खुद से मुलाक़ात, जीवन से ये है मेरी प्यार,
अब मेरी बस इक ही चाह, मेरा ग़म बने अब मेरी राह.

कुणाल कुमार 

सुंदर

क्या सुंदर मैं हूँ, या सोच है मेरी सुंदर,
सह लू हर दर्द, उफ़्फ़ ना आए लब पर,
क्या बोलना मर्ज़ है, या सहना मेरा दर्द है,
या दर्द का अहसास, है मेरे जीने की दवा,

हर दर्द सह, रहु अपने पथ पे मैं सदा अग्रसर,  
बाँटते रहु ख़ुशियाँ, रख ग़म सारे अपना बना,
मेरे दर्द की परछाई, ना आने दूँ कभी तुझपे,
रखूँ  तुम्हें सदा अपने प्यार की शीतलता तले,

याद में ही सही,  तुझे अपना बना लिया,
तुझे अपने अश्रु से नहा, दिल में बसा लिया,
ख़ुशियों को समेटे,  अपने यादों के झरोखे से,
देखूँ सपना, तेरा साथ इक  सुंदर सा अहसास,

अब जमाने को मैं देखूँ, तेरे सोच के रंगीन चश्मे से,
अब नज़दीक होकर, सीखी दिल तोड़ने की हर कला,
तेरी सुंदर सोच अपना, सिर्फ़ सोचूँ  मैं अपनी ही ख़ुशी,
ख़ुदगर्ज़ सा बन गया, दिखूँ ऊपर से सुंदर अंदर मैं मर गया.

कुणाल कुमार 

चाहत

दिल में मिलन का ख़्वाब सजा, देखो मेरी चाहत रो रही है,
जला अब जीवन मेरा, देखो चिता मेरी सुलगती चाहत का,

क्या ख़ूब जीवन है, मृगतृष्णा है जीवन की सारी ख्वाहिशें,
मृगमिर्चिका सा दिखता, चाहत मेरे इस वीरान जीवन में,

मुझे ख़ुशी मिले हर दर्द में, संभल सा गया ठोकरें खा कर,
मुझे ख़ुदगर्ज़ बनने की सिख, क्या खूब दिया है जो तुमने,

मेरी अरमानो की  हालत देख, जल उठी मेरी हर उम्मीद, 
दिल में बसा तुझे अपना बनाने की, है मेरी सुलगती चाहत.

कुणाल कुमार