आसमाँ दिखे ख़ुशियों भरा,
अप्रतिम शोभनीय प्यारा सा,
दिखे ख़ुश जैसे हो एक प्रिय पल,
चाहे दर्द से बरस रहे हो उसके विलोचन।
इधर जीवन में ख़ुशियों के रंग बिखेरे,
जैसे इंद्र्धनुश के रंग समेटे हैं जीने का मंत्र,
उधर दर्द से भरे काले घटा,
जैसे समेटे हो खुद को खुद में आसमाँ।
जीवन भी हैं कुछ आसमाँ जैसा,
जहाँ दिखे ख़ुशियाँ और ग़म का अनूठा समा,
यादें भरी इंद्रधनुष,
दे जीवन जीने की प्रेरणा हमें।
कुणाल कुमार
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