भिड़ भरी छोटी सी, मेरी दुनिया है अनमोल,
कुछ अपने कुछ पराए, सुनहरे सपने सजाए,
कुछ खट्टी कुछ मीठी सी, यादें बसे मेरे नयन,
इस सपने में हूँ मैं मौन, सबसे पहले है कौन,
मुझसे चुरा मुझको, देखो ये चली है कौन,
एक मीठी सी एहसास, या मेरी ख़ुशी है मौन,
ओ मेरे जीवन के पल, पल भर जी लेने दे ज़रा,
संग उसके जीवन के रंग, या बची मेरी यादें तंग,
दिखा मुझे जीने की राह, जगा मुझमें जीने की चाह,
मुझे अपने दिल से लगा, हाथ थाम मेरी ख़ुशी लौटा,
बन अपना कर पूरा सपना, मेरी ज़िंदगी हो तेरा अपना,
एक छोटा सा घर हो अपना, हम दोनो का हो ये सपना.
कुणाल कुमार