धंधा है मंदा, सोच सोच हम पछताए,
विपणन वाले यहाँ, सभी को उल्लू बनाए,
झूट झूट बोल, सारे महीने गमाए,
उल्लू बना मुझे, बिलिंग ना कर पाए,
कलेक्शन का छोड़ो, धंधा भी गमाए,
वेंडर ने ली, ऊपर से अपनी भी मरवाए.
कुणाल कुमार
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