मन में द्वेष लिए, तेरे हर झूठे वादे संग,
हर पल याद करे, दिल इस प्यारे दुश्मन को,
जी चाहे तुझे भूला दु, खो अपने में सब भूल,
कोरा कर जीवन पटल, मैं जी लू तेरे से दूर,
इस द्वेष का हाल निराला, जी ना पाऊँ तुझे भूल,
चाहे नफ़रत हो कितनी भी, प्यार करूँ दिल से,
कभी ना सोचूँ मैं तेरा बुरा, चाहु तुझे दिल से,
ये कैसी है दुविधा, नफ़रत ना कर पाऊँ तुझसे,
मुझे मंज़ूर ये जुदाई, अगर ख़ुशी हो तेरी इसमें,
जी लू इस नीरस जीवन को, त्याग तुझे दिल से,
दिल का द्वेष छोड़ पीछे, ढूँढूं मैं अपनी ख़ुशी,
तू जी ले मेरे ख़्वाब संग, मैं जी लू तेरे इंतज़ार में,
मैं राही हूँ अपने मर्ज़ी का, चला मैं अपने सफ़र पे,
ढूँढ लू अगर अपनी ख़ुशी, किसी अपने के दिल में,
तू दिल में कभी द्वेष ना रखना,मेरे संग अगर जुड़े कोई,
क्योंकि ये जुदाई की लम्बी रातें, कटे ना अब तेरे बिन,
मेरा इंतज़ार भी सच्चा, जैसे मेरे वादे सब सच्चे,
कभी ना जी पाया ख़ुशी जीवन, झूठा बोल तेरे से,
जितने वादे किए तुझसे, आज भी मैं खड़ा हूँ उसपे,
मन का द्वेष कर दूर, सदा चाहु तेरी ख़ुशी दिल से.
कुणाल कुमार