उपहार…

कवि बना,
भूल गया मैं सब कुछ,
प्यार तो हुआ नहीं तुम्हें मुझसे,
पर सोच क्यों हुई खोटी तुम्हारी मेरे लिए।

मैंने तो जीना सिखा,
तुम्हारे अहसास के अनुभूति से,
तुमने क्यों नहीं सोचा कभी,
मेरे दिल में सिर्फ़ प्यार था तेरे लिए।

आज मैंने वादा किया खुदसे,
भूल जाऊँगा तुम्हारी याद को दिलसे,
बस थोड़ा समय दो तुम मुझे,
ताकि दफ़न कर दूँ हर याद को अपने दिल में।

यही है मेरे जन्मदिन का तोहफ़ा तेरे लिए…..

कुणाल कुमार
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