इस वीरान सी ज़िंदगी में,
ख़ुशियों की लहर लौट आई,
जब आप मुझसे मिली,
मुझे जीने की महत्व समझ में हैं आई।
बचपन से लेकर कल तक,
बस जी रहा था औरों के लिए,
आज आपसे मिलने के बाद,
जीने की ईक्षा हुई सिर्फ़ खुद के लिए।
शायद ईश्वर की महिमा थी,
जो आप थी मुझसे मिली,
चन्द घड़ियाँ की ख़ुशी,
मुझे आपके होंठों से हैं मिली।
अच्छी थी मुलाक़ात आपसे,
काफ़ी कुछ सीखने को मिली,
प्यार तो दी कुछ समय आपने,
पर साथ में ख़ुदगर्ज़ी सिख भी मुझे मिली।
ना जाने क्यों मैं,
आपके लिए आप का ना रहा,
वही जो अपने लिए जी रहे थे,
वो आपके अपने बन गए।
मुझे मालूम है प्यार अहसास है,
जो माँग नहीं सकता है मेरा दिल,
चुप चाप रह लूँगा मैं आपके बिना,
पर बाँट नहीं सकता मैं ये अहसास कभी।
शायद आप भी सोचती होंगी,
क्यों दूर आपसे जा रहा हैं मेरा दिल,
पर एक बात समझ लो आप भी,
जब एक से प्यार करते है तो दूसरे के साथ नहीं लगाते हैं दिल।
अब आप जी लो अपनी सोच की ज़िंदगी,
मैं भी जी लूँगा अपने सोच के साथ ज़िंदगी,
अब ना आना आप कभी मेरे पास,
क्योंकि टूटे विश्वास के साथ नहीं जी जाती हैं ज़िंदगी।
कुणाल कुमार
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Awesome
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Thanks
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बहूत सुंदर
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धन्यवाद
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सुंदर अभिव्यक्ति।
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धन्यवाद
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