वर्षा की कुछ बूँदे,
जैसे मिट्टी की प्यास बुझती है,
वैसे ही तुम्हारी याद,
मुझे जीने की राह दिखाती है।
कभी सोचा ना था,
प्यार करूँगा किसी से इतना,
सिर्फ़ उसकी याद दिल में संजोए,
आँखों से अश्रु कुछ बूँदे निकल पड़े।
शायद ये मेरे प्यार सच्चाई है,
जो हर घड़ी याद तुम्हारी ही आई है,
ना चाहते हुए भी मेरे दिल में,
बस तुम और मेरी तन्हाई है।
कुणाल कुमार
Waah bahut shaandaar..!
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Thanks.. its just poem😊
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