दूरियाँ चाहे कितनी भी हो,
पर फ़ासले ना आने देना मन में,
रिश्ते की अहमियत को समझना ज़रूर,
चाहे थोड़ा और सहना पड़े तुम्हें।
कुछ खट्टी कुछ मीठी यादें,
रिश्ते की टहनियों पे लटकी है,
तुम पतझड़ सा रूखा मत बनना,
की यादें दूर हो जाए रिश्ते से।
होते है कुछ ऐसे पल,
जब भूल जाते है हम अपनापन,
ज़रा उस पल को सम्भाल लेना,
और फ़ासले ना आने देना मन में।
कुणाल कुमार