सोच रहा हूँ मैं,
ज़िंदगी तुम्हारे बिना अधूरी हैं,
साथ चाहता है ये दिल तुम्हारा,
पर ना जाने आपस में क्यों इतनी दूरी है।
काश समझ पाती तुम मुझको,
तुमको चाहना मेरी मजबूरी है,
तुम क्या समझो मेरे दिल की हाल,
क्योंकि तुमने प्यार मुझसे कभी नहीं की हैं।
एक बात कहूँ मैं दिल से,
अच्छा हुआ तुमने नहीं किया प्यार कभी मुझसे,
फिर भी माँ तुम्हें सत सत प्रणाम,
क्योंकि तुमने दिया मेरी लेखनी को जान।
शायद इसलिए कहते है नारी को प्रेरणा,
साथ रहे तो ज़िंदगी बने सुंदर,
दूर जाकर भी देती हो शक्ति … देवी,
अपने दिए ग़म से भर देती हो मेरी लेखनी।
दूरी हैं एक सुंदर अहसास,
जो दिल वाले को सिर्फ़ मिलती हैं,
उन्हें क्या पता जो पास रहकर भी,
बना रखे हैं दिलों से मिलो दूरी।
Last few lines…
रूठे दिल को मनाने की कला,
कोई मुझे भी ज़रा सिखा दे,
सालो बीत गयी उन्हें मनाने में,
पर अंत में मुझे मिली सिर्फ़ तन्हाई।
कुणाल कुमार
Insta: @madhu.kosh
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Website: https://madhukosh.com
Koi roothta nahi ,
Agar hriday main naa ho doori
Aur gar koi jo roothe
Toh bas apne kaam kerte jana
Sath uska nibhate jana…!!
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Wah sahi kaha aapne .. thats what i do
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