कुछ शब्द,
दिल में अटक कर रह जाती है,
खामोशी के गलियारों में,
खुद के वजूद से भटक जाती हैं।
कुछ शब्द,
सच्चाई बोलने में अटक जाती है,
झूठ को तो बड़े सफ़ाई से,
अपनी बोल दे जाती है।
कुछ शब्द,
अपने सच्चाई से यादों को जीने की मक़सद दे जाती है,
कभी कभी वही सच्चाई,
यादों में दर्द भरे अफ़साने लिख जाती है।
कुछ शब्द,
गीत बन प्यार की क़समें खाती है,
वही गीत कभी कभी,
हमें काफ़ी रुलाती है।
कुणाल कुमार
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Nice
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Thanks
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Wahhhh
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धन्यवाद
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वाह….सही है
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धन्यवाद
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