कितना दर्द होता है आपके दूर जाने से,
एहसास मेरे रो पड़ते आपके पास ना आने से,
यूं तन्हा सा लगता है मेरा ये जीवन,
आपके दूर जाने से …. आपके ना आने से….।
आज देखी मैंने अपने चाहत की हार खुद की आँखों से,
चाहत थी क़रीब पर दिलो में थी मिलो दूरी,
शायद ये थी मेरे सोच की कमी,
जो आपको ना दिला पाया अपने प्यार पे यक़ीन।
जाने अनजाने में की गयी भूल,
या कोई व्यंग जो कभी चुभी होगी तुम्हें,
अपेक्षा लिए मेरा दिल माँग रहा माफ़ी,
क्या माफ़ करने के लिए इतना नहीं hai काफ़ी।
अगर कभी दिल आपका चाहे मुझे,
अगर अपनी सोच में थोड़ी सी जगह दे मुझे,
आपका दिल में मुझे कभी अपना कहें,
तुम पाओगी मुझे तुम अपने चरणों के तले।
कुणाल कुमार
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