तुम पास होती हो,
दिल को सकूँ मिलता हैं,
तुम दूर जाती हो तो?
दिल बेचैन सा दिखता हैं।
सोचता हूँ क्या ये प्यार हैं,
या तुम्हारा मेरे दिल पर किया गया प्रहार हैं,
जो भी हैं ये अच्छा है मेरे लिए,
आख़िरकार ख़्वाब तो हैं अब जीने के लिए।
मुझे मालूम हैं तुम्हारा दिल भी धड़कता है,
मुझे अपना बनाने के लिए मचलता हैं,
पर शायद खुद को तुम औरों के हाथ खो चुकी तुम,
इसीलिए यो प्यार स्वीकारने में तुम्हें डर लगता हैं।
कुणाल कुमार
Insta: @madhu.kosh