तुम्हारी इस नादानी का क्या करूँ,
जो दर्द हर मौक़े पे दे रही हैं मुझे,
शायद नहीं पहचान पायी तुम मेरे प्यार के गहराई,
जो है सिर्फ़ तुम्हारे लिए।
बस यहीं तमन्ना दिल लिए धड़क रहा मेरा दिल,
एक बार मुझे तुम मेरी नज़र से देख लो जड़ा,
सागर सी भावनाएँ उमड़ रही दिल में मेरे,
और अकेला मैं कश्ती में कर रहा तेरा इंतज़ार।
समय बीत रहे होकर घोड़े पे सवार,
पर आज भी मैं वही हूँ कर रहा तेरा इंतज़ार,
सोचता था कभी तुम अपनाओगी मुझे,
पर तुम मुझे छोड़, चली किसी बेहतर के पास।
तुम्हें हक्क हैं अपना प्यार ढूँढने का,
वैसे भी भावुकता किधर है तुममें बसी,
दिल का कद्र उसे क्या पता,
जो सिर्फ़ और सिर्फ़ सुने खुद कि कही।
कुणाल कुमार
Insta: @madhu.kosh