नसीब मेरा काल चक्र में फँस,
भावनाओं के गहराई में डूब रहा,
चेहरे पे लिए झूठी हँसी मैं,
अपने दर्द को यादों में बदल रहा।
ये अच्छा है की यादें,
नहीं बनती है दर्द की सबब,
मीठी सी अहसास लिए,
देती है जीवन को जीने का लक्ष्य।
कुणाल कुमार
नसीब मेरा काल चक्र में फँस,
भावनाओं के गहराई में डूब रहा,
चेहरे पे लिए झूठी हँसी मैं,
अपने दर्द को यादों में बदल रहा।
ये अच्छा है की यादें,
नहीं बनती है दर्द की सबब,
मीठी सी अहसास लिए,
देती है जीवन को जीने का लक्ष्य।
कुणाल कुमार