जीवन की राह तमस भरी, जैसे सूरज को लगा ग्रहण,
उज्ज्वल भविष्य डूब सा गया, अंधकार में ढल सा गया,
मेरी ख़ुशियों का उदय,कब होगी तेरे तेज की लालिमा लिए,
तेरे पास होने का एहसास लिए, भविष्य कब निखरेगा मेरा,
जीवन का अहसास, ग़म में जी रहा लिए ख़ुशी की आस,
आ जाओ ना तुम, बनकर मेरे जीवन की एक नई सवेरा,
तेरी दर्शन की आस लिए, अब जी रहा हूँ जीवन ये बेकार,
छोड़ नहीं सकता प्राण, क्योंकि वो भी मैंने तेरे नाम किया,
बस अब इतना बता तू मुझे, क्या तू कभी अपनाओगी मुझे,
ना अगर है तो बोल मुझे, छोड़ चलु मैं इस जीवन की माया.
कुणाल कुमार