चलो आज मिलकर हम साथ आवाज़ लगाए,
उन महान समाज सेवकों को मन से नमन कर ले,
जिन्होंने अपने कर्तव्य को जान से ज़्यादा समझा,
हमें बचाने के लिए खुद क़ोरोना से लड़ने उतर आए,
क्यों मर रहे हैं लोग हो शिकार इस बेकार बीमारी का,
क्या और ग़म कम थे इंसान, की आ गयी ये महामारी,
चलो एक बात तो तेरी अच्छी हैं मेरे दोस्त क़ोरोना,
तुमने समाजिक दूरी रखते हुए सबको साथ ला दिया,
पहले लोग दिखते थे साथ पर दिल में दूरी लिए थे पाल,
लेकिन अब लोग हैं दूर पर दिल से जुड़ गए हैं यहाँ भरपूर,
सब साथ मिलकर यहाँ दिखा रहे हैं एकता की ताक़त,
हमें जागरुक रहकर इस महामारी को अब हराना हैं.
के.के.