ख़ुदा के बंदे हो तो खुद को सम्भालो,
यूँ बीमारियाँ का डर दिल में नही पालो,
देखो अगर डर पे तुम क़ाबू कर सकते,
तो हर बीमारियाँ भी तुमसे डरने लगेगा,
लोगों का सुनना बस अब बंद करो तुम,
दिल की आवाज़ सुनो अब नहीं डरो तुम,
स्वच्छता रखो दिल में खुद भी रहो स्वच्छ,
ना दिल का रोग लगेगा ना ही कोई बीमारी,
लोगों का काम डराना, ना सह सकते दूसरों की ख़ुशी,
लोगों की बात में आकर, ना छोड़ दो तुम जीने की उम्मीद,
खुदी को बुलंद कर, खुद खोज लो तुम अपनी हर ख़ुशी,
ख़ुदा जीने के लिए बनाया हमें, चलो जी ले अपनी ज़िंदगी,
कल स्वाइन था, आज करोना डराती हैं ज़िंदगी,
क्या इस डर से छोड़ दूँ, मैं जीना अपनी ज़िंदगी,
देखो अभी तो मुझमें जीने की ख्वाहिश जगी,
इस ज़िंदगी में अब नहीं डरा सकता मुझे कोई,
मैंने तो हक्क दिया तुम्हें लिखने को मेरी ज़िंदगी,
मेरी ख़ुशी सिर्फ़ तुमसे हैं तो डर भी होगी मुझे तुमसे,
देखो अब और कोई भी, मुझे डरा सकता नहीं,
क्योंकि मुझे डर तो सिर्फ़ लगता हैं तेरे दूर जाने से.
के.के.
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