चेहरे पे उदासी क्यों घटा सी छाई हैं,
शायद ये मेरी चाहत की दीवानगी है,
डर सा लग रहा हैं मेरी ज़िंदगी तुमसे,
शायद ये तन्हाई मौत से ही मिट पाएगी,
चेहरा मायूस सा लगता हैं, ख़ुशी है कोसो दूर,
क्या मैं पागल हो गया तेरे प्यार की दीवानगी में,
ये दर्द जो पहले दिल में थी अब सर पे छा गयी,
अब तो मेरे ईश्वर तुम्हीं बताओ क्या करूँ मैं,
तुम्हें भूलने की कोशिश करता ये मन मेरा,
पर देखो मेरा ये दिल बेचारा तुम्हें भूलने ना दें,
हर धड़कन में तुम्हीं तुम बसी हो बन मेरी जान,
अब तो ये ज़िंदगी चल रही तेरी मेहरबानियो पे,
सिगरेट पी कर चला मैं तेरी यादों को जलाने दिल से,
धुएँ में दम घुटता हैं मेरा, पर याद तेरा ना साथ छोड़े कभी,
ईश्वर शायद तेरी लीला हैं या मेरे नादानियों को ये फल हैं,
जीना हैं इस पीड़ा में या तिल तिल कर मारना तेरी याद में,
प्रभु मेरे तुम मुझे जीने का रास्ता कृपा कर बताओ,
सच्चाई का पथ दिखा मेरे प्यार को मेरे पास लाओ,
तुमने क्यों मेरे दिल में खुद को क्यों बसा लिया,
अब तो भूल नहीं सकता प्रभु तुम कुछ चमत्कार कर दिखाओ.
के.के.