मेरी दोस्ती भी अजीब हैं, चाहता हैं साथ तेरा,
जीने से मरने तक साथ चाह रहा ये दिल मेरा,
ख़ुशियों कीं चादर ओढ़ प्यार करेंगे हम दोनो,
साथ जो मिला तेरा नहीं छोड़ूँगा हाथ मैं कभी,
आज जो देखा तुम्हें खिली हुई तेरी ख़ूबसूरती,
दिल में कसक उठी क्यों ना साथ मिला मुझे ऐसा कभी,
तेरी सादगी में दिखे मुझे शीतलता भरी चाँदनी,
तेरी प्यार भरी ये मुस्कान हैं मदहोशी भरी,
आज थोड़ी दर्द हुई जब ना पाया खुद को तेरे क़रीब,
तुम थी दिल में मेरे, पर साथ थी किसी और के क़रीब,
मैं शांत था ऊपर से, पर दिल में भरी तूफ़ान सा हलचल,
क्या करूँ इस दिल का जो साथ चाहे तेरा हर पल,
चलो अब छोड़ो भी हट मान भी जाओ बन मेरी,
मुझे अपना बना लो तुम समा बाहों होकर सिर्फ़ मेरी,
हो क़रीब दिल के समझ मेरी चाहत अपने दिल से,
उतर जाने दो मुझे अपने ख़्वाब में, क़रीब कर लो तुम मुझे.
के.के
Bahot accha
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धन्याबाद
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