मेरी चुप्पी को ना समझो मेरी तुमसे दूरी,
चुप हूँ क्योंकि तुम हो मेरे दिल के क़रीब,
मेरी अहसास बन समा गयी हो रंगों में मेरे,
अब तो तेरी अहसास से दिल धड़कता हैं मेरा,
रगों में लहू नहीं तेरे यादों भरी समंदर दौर रहा,
दिल की धमनियाँ तेरे प्यार के धड़कन से चल रहा,
मेरी आँखों ने भी अब अपने दर्द को धो डाला,
अश्रु बन कर मेरी दर्द तेरी याद में यूँ निकल पड़े,
मेरी चुप्पी तुम्हें मेरी प्यार का अहसास दिलाएगी,
अपने व्यस्त समय में भी तुम्हें मेरी याद सताएगी,
अपने दिल को तुम समझा लेना ये कहकर प्रियेतमा,
मैं दूर सही पर अहसास मेरा साथ हैं तेरे बन तेरा साया,
बस इक बार तुम अपने दिल से मुझे आवाज़ लगाओ,
अपने आप की अहसास को दिल से मेरे क़रीब लाओ,
खुद में पाओगी मेरी प्रतिबिंब साथ हमेशा तुम्हारे क़रीब,
कहीं ढूँढने की ज़रूरत नहीं तुम्हें, मैं साया तेरा मुझे साथ पाओगी.
के. के.