जीवन हैं संगीत, सुख दुःख बने इसके बोल,
मधुरता जीने में है, चाहे ख़ुशी मिले या ग़म,
समझने की बात हैं, गुण गुनाय जा ये संगीत,
हर दर्द को इक नगमा समझ, पूरा कर तूँ संगीत,
सात सुरों जैसा सुंदर, हर इक लम्हे जीवन का,
प्यार ख़ुशी क्रोध ग़म, क्यों पछताए ये मेरा मन,
धोखा और जुदाई, जो मेरी संगीत में जान लाई,
इस संगीत की मधुरता, लगे कर्ण प्रिये है मुझे,
ये तो हैं समझने की बात, संगीत ही हैं जीवन,
हर इक सुर की अपनी जगह, बनाए संगीत मधुर,
संतुलन है जीवन का महत्व, बनाओ हर सुरों के बीच,
ज़िंदगी जिए जाओ, हँसो खुद और हँसाओ सभी को.
के.के.