चेहरे पे हँसी और पेट की ख़ुशी,
यही तो हैं ज़िंदगी जी लो मज़े में..
संध्याकीवेला, मुझेभूकलगीज़बरदस्त,
समझनहींआता, खाऊइडलीयाडोसा,
गोलगोलइडली, देखमनललचाया,
साथमेंसाम्भरऔरचटनीभीलेआया,
इधरदेखूँ , डोसामायूसनज़रआया,
उसेजोलगा, उसेकोईभीनहींखाया,
मायूसडोसाकादर्दसहनापाया,
बड़ेचावसेउसेमाँगकरमैंखाया,
पेटमैंहुईगुडगुड, हज़मनाकरपाया,
मैंयेसोचूँ, दोनोसाथमैंक्योंखाया.
इडलीयाडोसानेमिलमज़ाचखाया,
पेटूबनामैं, बड़ापछताया.. बड़ापछताया.
कुणालकुमार