तेरी याद में जल रहीं मेरी रूह,
मेरी आत्मा पुकारे तुझे हर घड़ी,
हो सके तो समझ लेना मुझे तुम,
इक और मिटा खुद को प्यार में,
हो सके तो मेरे बाद मुझको जलाकर तुम,
मेरे अस्थि को अपने आँगन का धूल बना लेना,
जाऊँगा संग संग तेरे जहां जाओगी तुम,
मैं बनकर तेरे चरणों का धूल,
खिल उठेगा आँगन तेरा,
खिल उठूँगा मैं बनकर फूल,
मेरी अस्थि के माटी पे खिलेगी,
मेरी आत्मा बनकर इक सुंदर सा फूल.
के.के.