मैं और मेरी अहसास,
क्यों है मेरे लिए ख़ास,
रखा हक़ छुपा दिल में,
हैं ये मेरे अनमोल रतन,
कहीं मेरे इस अहसास को,
मेरी ही नज़र न लग जाए,
दिल बैठता हैं सोच ये,
कही खो ना दूँ मैं इसे,
कोई ले सकता हैं ये अहसास मेरा,
बसा कर अपने दिल मंदिर में,
थोड़ा तुम मुझे समझ थोड़ा मैं समझूँ,
मिलकर बाटेंगे हम अपनी हर ख़ुशी,
साथ देना आसान नहीं,
पर दूँगा मैं साथ तेरा,
बना कर रखूँगा तुझे,
अपने दिल की धड़कन.
के.के.