बंद करो बकवास

बंद करो बकवासअब  जाओ तुम मेरे पास,
बन कर दुल्हनियाथोड़ा हो जाओ और क़रीब,
क़सम मेरी हैं तुझेअपना लूँ मैं तेरा हर ग़म,
तेरी ख़ुशी पे आँच ना आएमिलकर ख़ुश रहेंगे हम,

सुबह से सुबह तकतेरा ख़्याल रखना ही मेरा काम,
तुझे बस आराम मिलेग़म का साया रखूँ तुझसे दूर,
मेरे जीवन की सारी ख़ुशीकर दूँ सारी तेरे नाम,
तेरे जीवन का हर ग़मअपना बना लू मैं हँशी ख़ुशी,

कभी सोचता ये क्या हुआ है मुझे,
क्यों तेरे मिलन की चाहत है मेरे दिल में,
क्यों मेरे दिल की धड़कन है धड़कती है तेरे लिए,
क्यों मेरी चाहत है मजबूरक्यों जीना अब तेरे लिए,

क्या यही प्यार हैहाँ ये सही प्यार है,
इक मीठी सी एहसास मिलन की दिल में,
साथ जुदाई का ग़म मुझे मिले,
पर मैंने प्यार किया सिल सेअब जीना इसके लिए.

के.के.  

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