मेरे दिल के क़रीब, अब आ भी जाओ मेरी नसीब,
यू ना हो ख़फ़ा दूर रहकर, मुझसे मेरी ज़िंदगी,
मेरे प्यार को अपना बना आ जाओ मेरे क़रीब,
मुझे मालूम हैं की मेरी पहचान है तेरी परछाई,
इतना बस तुम्हें हैं सोचना, क्या झूठा लगता हूँ मैं,
क्या मेरी प्यार में सच्चाई नहीं, तेरे लिए कोई गहराई नहीं,
फिर भी इक काम करो तुम खुद से, इक बार पूछो अपने दिल से,
मन की कठोरता को ढीला छोड़, दिल की बातें तुम दिल से सोच,
तुम्हें तुम्हारे हर सवाल का जवाब, देगा तेरा ये दिल,
अगर इससे अपने मन के डर से, आज़ाद करोगी तुम,
के.के.