देखो नाराज़ हो मुझसे, रूठ चली मेरी जान मुझसे,
मनाने की कोशिश, कर रहा ये दिल मजबूर होकर,
पहले मेरी ज़रूरत बन, फिर बन मेरी उम्मीद,
जीवन की पाठ पढ़ा, देखो मुझे छोड़ चली,
बस इतनी सीं उम्मीद लिए दिल, लौट आएगी वो इक दिन,
मेरी चाहत में हो मजबूर, इंतज़ार में बिरह घड़ियाँ काट रहा मैं,
फिर वो दिन आ ही गया, जिसकी इंतज़ार में पलके थी बिछी,
नयनों की नींद मेरी, मेरी चाहत लौट आयींमिलने मुझसे,
मेरी ख़ुशी मेरी जीवन, आ गयी क़रीब मेरे जीवन की,
लौट आयी मेरी ख़ुशी, लगे चेहरे की मुस्कान बड़ी अनूठी.
के.के.