देखो ये दिल के अरमान, अब बन गयी हैं मेरी ज़बान,
मैं शब्द नहीं लिख रहा, ये तो मेरे प्रेम की नयी पहचान.
धन्य हैं वो इंसान, दिया मेरे भावनाओं को इक नया आयाम,
शब्दों के धागे में पिरो कर, लिखा मैंने अपने दिल की तरंग भाव.
ग़ुस्सा नहीं मैं, और ना ही बचीं हुईं दिल में अरमान,
ग़ुस्सा अपनों से करते हैं, तुमसे क्यों करूँ ग़ुस्सा मैं,
पर इक बात बता दूँ तुझे, तुम्हारा प्यार हैं महान,
जिसे मिले धन्य उसका जीवन, हम रह लेंगे ग़म के संग,
प्यार का मतलब यही तो हैं, तेरी ख़ुशी अब मेरा जीवन हैं,
दूर रहकर अगर मुझसे, मिलती है तो जी लो अपनी ख़ुशी.
के.के.