मन की ख़ुशी लिए तुम, जी लो अपनी ज़िंदगी,
भूल कर मुझे अब, तुम मुझे ना याद करो कभी,
दिल का क्या हैं जनाब, समझा लूँगा उसे मैं अभी,
तेरे सोच के आगे, नतमस्तक मेरी छोटी सी ज़िंदगी,
ख़ुशी इस बात का हैं, दिल की बात बता दी हैं तुझको,
मेरी चाहत की क़ीमत, चाहे हो तुझसे दूर रहने की सजा,
क्या हुआ जो तेरे दिल में, ना जला सका मेरी चाहत की दीपक,
अंधेरी ज़िंदगी लिए, जी लूँगा मैं अपनी तेरी याद से भरी ज़िंदगी,
तुझसे ग़ुस्सा नहीं मेरी ज़िंदगी, बस तेरी याद से डर लगता है मुझे,
अब दफ़ना चुका हूँ मैं अपनी ख़ुशी, तुम मुझे याद ना करो कभी.
कुणाल कुमार
अतिसुन्दर
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धन्याबाद
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Bahut khub
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धन्याबाद
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अतिसुन्दर।
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धन्यवाद
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
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धन्यवाद
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