तुम कौन हो, और तुम्हें क्या चाहिए,
अपनों का साथ, या पराए का प्यार,
पसंद करना है तुम्हें आज, दो ख़ुशी का साथ,
या काट लो अपनी ज़िंदगी अब खुद के बिना,
चाहेंगी तुम्हें सभी, ये दुआ है मेरे दिल की,
तुम जिसे चाहोगी, सारे सपनों हो उसकी पूरी,
ना करो तुम कोई विचार, मुझे पता है मेरा है क्या स्थान,
ना तेरे दिल में था कभी, ना ही बसा कभी तेरे प्यार में.
कुणाल कुमार