जैसे कोई बच्चा रूठा, जब टूट जाए उसका खिलौना,
आँखों की आशु थम सा गया, पर दिल अभी भी रो रहा,
लगाव उसका खिलौना से, इक निर्मल प्यारा सा मन,
साथ छूटने का ग़म, दिल लिए रो रहा है उसका मन,
टूटे खिलौने अपने साथ रख, जी रहा वह इक झूठा सपना,
इक दिन खिलौने को समझ हो, बच्चे की प्यार उसके लिए,
बच्चे की जान मत लेना, मत तोड़ना उसका प्यार,
बन खिलौने वापस आ जा, वापस दे उसकी ख़ुशी.
कुणाल कुमार