क्यों ख़ामोश हूँ, याद लिए दिल में,
मेरे प्यार भरे शब्द, किसने चुरा लिए,
मेरी तन्हाई भी ख़ामोश है, तेरी याद में,
ढूँढ रहा मंजिल, ख़ामोश किए खुद को,
कुछ शिकायत दिल में छुपा, ख़ामोश जी रहा,
मेरे संग ये शिकायत भी, अपने शब्द खोज रहे,
क्या रखा है जीवन में, अंधकार के सिवा,
खामोशी का साथ, तेरे साथ से है बेहतर,
जी लो अपनी ज़िंदगी, ख़ुशी के मिले हर पल,
मैं ख़ामोश रहु सदा, याद ना कारु कभी तुझे.
कुणाल कुमार
Bahut khoob
LikeLiked by 1 person
धन्यवाद
LikeLiked by 1 person