चल परा नई खोज को, ऊँची उड़ान भर गगन के पार,
आज़ाद पंक्षि सा बन, बनाने को अपनी नई दुनिया,
मैं छोड़ कर सारी बातें, भूल कर तेरी हर यादें,
ख़ुश हूँ अपनी दुनिया में, तोड़ कर बंधन प्यार की,
इसी पल से सोच लिया, जीना है सिर्फ़ मेरे लिए,
अब ना कोई तड़प बची, मेरे जीवन के इस पथ पे,
दुआ मेरी है यही, तू भी जी ले अपनी ख़ुशी,
संग अपने प्यार के, मिले तुझे भी अपनी ख़ुशी,
रोना धोना अब बहुत हुआ, अब ना मिलेगी तू मुझे,
अगर थोड़ा सा प्यार बाक़ी, लौट कर मिल तू मुझसे,
अब ना किसी पे कभी एतबार करूँ, ना कभी किसी से प्यार,
बस बहुत हुआ प्यार का क़िस्सा, अब जी लू खुद के लिए .
कुणाल कुमार