क्यूँ नहीं तुझे पता, एहसास मेरे दिल के दर्द की,
क्यूँ मेरे दर्द को, अपने प्यार से तुम कम ना की,
मैंने तो मौत जो देखा, अपने इतने क़रीब से,
फिर भी जी रहा हूँ, बस होने को तेरे क़रीब,
नहीं बरदास्त कर पाऊँ मैं, अकेलेपन का ये दर्द,
जब बाँट ना पाऊँ मैं, कुछ समय मेरे प्यार के संग,
क्यों छीन ली मेरी ख़ुशियाँ सारी, तनहा क्यूँ बना डाला,
क्या तेरा प्यार सिर्फ़ दर्द भरा, एक एहसास का बसेरा है,
मुझे छोड़ क्या ज़िंदगी, आसान है जीना तेरे लिए,
जा छोड़ मुझे तू, मैं भी चलु तोड़ इस रिश्ते को.
कुणाल कुमार