आपकी ये अनमोल नयन, सागर सा गहराई लिए,
डूब जाऊँ इस गहरे समुंदर में, जैसे विप्लव हो कश्ती,
आपकी हँसी है अनोखी, जैसे कर्ण में परे मोती,
एक अनूठी एहसास मिले, सुने जब आपकी हँसी,
आपकी ज़ुल्फ़ों की क्या तारीफ़ करूँ, लहराते हर पल,
देती शीतलता सदा मुझे, इस ऊष्ण किरण ध्युवन् की,
आपकी मीठी बोली, मेरे कर्ण को बरा ही भाए,
लगे जैसे तान छेड़ा आपने, अपने मधुर स्वर संग ,
आपके ये मासूम सा सोच, सदा लगे मुझे प्यारा,
जीवन की ये है सत्व, हो मेरी जीवन जीने की चाह,
चेहरा है दिल की पहचान, है आपके जीवन की शान,
आप सदा यु मुस्कुराते रहो, संग रहे आपकी हर ख़ुशी.
कुणाल कुमार