रोटी संग दूध मिले, संग लिए शक्कर की मिठास,
जीवन की भी मधुरता, जब जिए सब हो संग संग,
जैसे दूध संग रोटी मिले, घुल मिले मिले हो एक,
जीवन की संज्ञा हो, जब सारे रिश्ते हो जो नेक,
झूठ कपट ना लालच हो, ना हो मन में द्वेष क्लेश,
तभी मिले जीवन उद्देश, राह मिले सुखी जीवन की,
बचपन को वो पल समेटे, माँ का प्यार दिल में छिपा,
निशावार्थ जीवन जीने की, यही तो है वो पहली पाठ,
प्यार देने का नाम, लेने का ना हो लालच कभी,
हँसी ख़ुशी जीवन की घड़ी, काटो सब मिल बाँट,
जैसे रोटी संग दूध मिले, जीवन में भरो मिठास,
जीवन जीने का सच, जब जिए हम अपनोंसंग.
कुणाल कुमार