मेरी ये मजबूरी, मेरे जीने की चाह अधूरी,
तेरी ये ख़ामोशी, मैं खोया हुआ हर पल,
जीने की डगर पे, मेरी चाह हुई ना पूरी,
कैसी ये मजबूरी, ये दिलो की दूरी.
जीवन बना माया, जब तेरी ख़्वाब आया,
जीने की फ़लसफ़ा, हर पल मुझे सिखाया,
तू साथ हो ना जब मेरे, मेरे जीवन में हो अंधेरे,
तेरे साथ होने से, मुझे हर पल मिली ख़ुशी.
ख़ुशी और ग़म का साया, छोड़ ना मुझे पाया,
हर कदम पे मुझे, तेरी ही याद सदा सताया,
तेरे बिना शायद, मुझे कोई समझ ना पाया,
दुआ करूँगा हमेशा, जिए जी भर तू हर पल,
मेरी ये ख़ुशी, अब है सारी तेरी, अब है सारी तेरी.
कुणाल कुमार